Friday, April 5, 2024

भगवान श्री शिव की आरती

भगवान श्री शिव की आरती : हिन्दू धर्म में भगवान शिव को त्रिदेवों में गिना जाता है। भगवान शिव को कोई रुद्र तो कोई भोलेनाथ के नाम से पुकारता है।

भगवान श्री शिव, Lord Shri Shiva - DuniyaSamachar

आरती का अर्थ है पूरी श्रद्धा के साथ परमात्मा की भक्ति में डूब जाना। भगवान को प्रसन्न करना। इसमें परमात्मा में लीन होकर भक्त अपने देव की सारी बलाए स्वयं पर ले लेता है और भगवान को स्वतन्त्र होने का अहसास कराता है। आरती आपके द्वारा की गई पूजा में आई छोटी से छोटी कमी को दूर कर देती है।

आरती को नीराजन भी कहा जाता है। नीराजन का अर्थ है विशेष रूप से प्रकाशित करना। यानी कि देव पूजन से प्राप्त होने वाली सकारात्मक शक्ति हमारे मन को प्रकाशित कर दें। व्यक्तित्व को उज्जवल कर दें। बिना मंत्र के किए गए पूजन में भी आरती कर लेने से पूर्णता आ जाती है। आरती पूरे घर को प्रकाशमान कर देती है, जिससे कई नकारात्मक शक्तियां घर से दूर हो जाती हैं। जीवन में सुख-समृद्धि के द्वार खुलते हैं।

हिन्दू धर्म में भगवान शिव को त्रिदेवों में गिना जाता है। भगवान शिव को कोई रुद्र तो कोई भोलेनाथ के नाम से पुकारता है। हिन्दू धर्म के अनुसार सोमवार के दिन मनोवांछित फल की कामना से भगवान शिव जी की पूजा की जाती है। भगवान शिव का मंत्र भी बेहद आसान है। भगवान शिव की आराधना के लिए निम्न आरती का पाठ करना चाहिए। पढ़िए भगवान श्री शिव की ये आरती।

॥ भगवान श्री शिव जी की आरती ॥

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारं ।
सदा वसन्तं ह्रदयारविन्दे भवं भवानी सहितं नमामि ॥

जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसानन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे । तीनों रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी । चन्दन मृगमद सोहाई भाले शाशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे । ब्रह्मादिक सनाकाधिक प्रेताधिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

कर मध्य कमंदलू चक्र त्रिशूलधारी । जगकर्ता जगहर्ता जग्पालन करता ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । प्रणवाक्षर के मध्य तिनांह एक ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

काशी में विश्वनाथ विराजत नंदी ब्रह्मचारी । नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

त्रिगुण स्वामी की आरती जो कोई नरगावे । कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…

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Web Title: भगवान श्री शिव की आरती

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